आओ मिलों चले…
Chinmay Date
SY B.Sc.
चलते चलते हंसते-हंसते, चलो..
जितने यह दुनिया हम आए।
आगे जाते बढ़ते बढ़ते जो..
“डर है, कहीं पाव ना रुक जाए”।
सपने अपने खोजने चले हम..
है वहां भी मुश्किलों के साए।
“डरना नहीं, आज का दिन तुम्हारा है..”
कहो तो जरा खुद से यह लफ्ज़ नए।
मंजिले हो जो भी, खाली ‘मंजिल’ ही है..
लापरवाह है हम.. सपनों के पीछे जो आए।
मानलो.. दिन आज लंबा दौर वैसी ही लंबी..
मगर, खुदपर विश्वास रखने से क्यों शरमाए?
अपना सूरज लेकर चले हैं हम..
‘अपना हुनर’.. काबिलियत दिखलाएं।
”देख लेना.. हम भी जरूर लहराएंगे,
जीत जाएंगे..” जो खुद से राह बनाएं।
ऐसे ही दिन बीत गए.. रातें बीती..
यहां बहुत कुछ सीखा हमने।
लेकर अपना पहला कदम..
अपने जो खुदके सपने सजाए।
अब नए First Year लोगो,
जरा ढूंढो तो हमें..
है बने आपके हमसाए।
राह चलकर देखो तो जरा..
हम बन चुके हैं जो साए।
बन चुके हैं जो हमसाए।
– आपके 2nd Year सीनियर्स
-चिन्मय
